चुनाव माथे पर है। उम्मीदवार पार्टियों के दरवाजे पर हैं। कुछ अपनी टिकट बचाने के लिए मशक्कत कर रहे हैं तो कुछ दूसरे से टिकट छीनने की जुगाड़ लगा रहे हैं। अधिकतर लोग टिकट लेकर नई दिल्ली की राह आसान करना चाहते हैं। वीरेंद्र यादव न्यूज हर तरह के लोगों के साथ खड़ा है। टिकट बचाना हो, टिकट कटवाना हो या टिकट हथियाना हो, हर ताले की चाबी, हर उम्मीद की राह वीरेंद्र यादव न्यूज से होकर गुजरती है। वह भी एकदम फ्री में, पांच किलो अनाज की तरह।
बिहार में 40 लोकसभा सीट है और चार सौ से अधिक दावेदार हैं। हर सीट पर कम से कम 10 दावेदर। कई पार्टियां हैं, हर पार्टियों के अलग-अलग ठेकेदार, अलग-अलग दुकानदार। ब्रांड भी अलग-अलग। तीर, लालटेन, कमल, कड़ाही से लेकर पंजा तक। अधिकतर पार्टियां अब टिकट बांटती नहीं, बेचती हैं। अब टिकट के उम्मीदवार नहीं, ग्राहक वोट बाजार में घुमते हैं। हाल ही में एमएलसी का चुनाव हुआ था। एक पार्टी ने एक बालू माफिया को पहले टिकट देने से मना कर दिया, लेकिन कोई दूसरा ग्राहक नहीं मिला तो पार्टी ने उसे ही टिकट बेच दिया। लेकिन पहली खेप में टिकट न देकर टिकट की कीमत बढ़ा दी। यही वोट बाजार की ताकत है कि उस बालू माफिया ने टिकट के साथ ही वोट भी खरीद लिया। वह भी वैसा वोट है, जिसे व्यक्ति के रूप में लाख रुपए से अधिक हर माह वेतन मिलता है।
इस वोट बाजार की खबर के बीच में वीरेंद्र यादव न्यूज खड़ा है पूरी लठैती के साथ। इन खबरों को आप birendrayadavnews.com के साथ सोशल मीडिया के अन्य प्लेटफार्म पर भी पढ़ सकते हैं। हम चुनाव के माहौल के साथ दावेदारों से जुड़ी खबरें भी देंगे। लोकसभा क्षेत्र विशेष की राजनीतिक पृष्ठभूमि, अतीत और वर्तमान में सामाजिक और जातीय बनावट को लेकर भी चर्चा करेंगे। चुनावी सूचनाओं की ऐसी जीवंत खबरें आपको किसी और मीडिया हाउस या चैनलों पर पढ़ने-सुनने को नहीं मिलेगी।
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