पटना। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव रामनरेश पाण्डेय ने बढ़ती महंगाई पर चिंता जताई है। खाद्य वस्तुओं की खुदरा महंगाई 9.53 फीसदी पहुँच गई जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में यह 4.90 फीसदी दर्ज की गई थी। दाल, मसाले, आटे सहित खाद्य पदार्थों की लगातार बढ़ती कीमत से आम लोगों के ऊपर आर्थिक बोझ बढ़ गया है।
भाकपा राज्य सचिव ने बयान जारी कर कहा कि सब्जियों एवं अन्य खाद्य वस्तुओं के कीमतों में हुईं बेतहाशा बढ़ोत्तरी केन्द्र सरकार की जन विरोधी नीतियों का दुष्परिणाम है। भाजपा सरकार के दस वर्षों के कार्यकाल में लोगों की आमदनी नहीं बढ़ी, लेकिन महंगाई आसमान छूने लगी है। आसमान छूती महंगाई की वजह से आम लोग अपनी आवश्यकता की पूर्ति नहीं कर पा रहे हैं। महंगाई का सबसे ज्यादा असर गरीब और मध्यम वर्ग पर पड़ा है। गरीबों की थाली से दाल गायब हो गया है। मोदी सरकार में कालाबजारी और जमाखोरी चरम पर है। सरकार कालाबजारी और जमाखोरी करने वालों पर कार्रवाई करने के बजाए, उसे संरक्षण दे रही है।
भाकपा राज्य सचिव ने कहा कि महंगाई को सबसे बड़ा मुद्दा बनाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में देश की जनता से वोट लिया था और उन्होंने वादा किया था कि उनकी सरकार आते ही महंगाई बिल्कुल खत्म हो जाएगी। मगर आज मौजूदा स्थिति पहले से भी बदतर हो चुकी है। प्रधानमंत्री को देश के आमलोगों की नहीं पूंजीपतियों की चिंता है। सरकार सभी फैसला पूंजीपतियों के हित में लेती है। यही कारण है कि सरकार महंगाई रोकने में पूरी तरह विफल है।
भाकपा राज्य सचिव ने जमाखोरी और कालाबजारी करने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने और महंगाई पर रोक लगाने की मांग की है।