निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार बुद्धपूर्णिमा यानी 12 मई को चुनाव बम को प्रकाशित हो जाना था, लेकिन एक दिन का विलंब हो गया। 13 मई को इसकी कॉपी छप गयी है। यह अब बिक्री के लिए उपलब्ध है। जब से हमने इस चुनाव बम के आधार पर खबर लिखनी शुरू की है, तब से इसको खरीदने वाले लोग फोन करने लगे थे। अब ग्राहकों तक पहुंचाने की जिम्मेवारी है।

चुनाव बम मतलब हमारी पुस्तक राजनीति की जाति पार्ट-टू। इसमें वीरेंद्र यादव न्यूज के नियमित अंक की कॉपियों का संकलन किया गया है। अंक 62 से 120 तक इसमें संकलित है। पूरे अंक की फोटो कॉपी। इस पर आकर्षक कवर लगा हुआ है। वीरेंद्र यादव न्यूज का हर अंक चुनाव के लिए संदर्भ सामग्री होता है। जब 60 से अधिक अंक एक साथ आते हैं पूरी पुस्तक बन जाती है। इसमें 2020 के विधान सभा चुनाव में उम्मीदवारों की जातिवार सूची के साथ चुनाव परिणाम, जातीय भागीदारी से लेकर एक-एक विधायक की जाति संकलित है। 120वें अंक में परिसीमन के बाद जातीय सर्वे का डाटा प्रकाशित है। इसमें हमने बताया है कि किस विधान सभा क्षेत्र में किस जाति के कितने वोटर हैं। एकदम परफेक्ट। किताब में सिर्फ 10 जातियों के वोटों को ही समाहित कर पाये हैं। लेकिन वीरेंद्र यादव फाउंडेशन की संदर्भ लाइब्रेरी में 50 से अधिक जातियों का डाटा विधान सभावार उपलब्ध है।
इस पुस्तक की कीमत मात्र साढ़े पांच हजार (5500) रुपये हैं। इतना सारा डाटा इतनी कम कीमत में कहीं नहीं मिलेगा। हमारा दावा है कि बिहार की राजनीति पर वीरेंद्र यादव न्यूज जीतना डाटा देता है, उतना डाटा गूगलवा का बाप भी नहीं दे पाएगा। यह चुनाव बम यानी राजनीति की जाति सिर्फ चुनाव लड़ने की कूबत रखने वालों के लिए ही है। जिन लोगों को सिर्फ ज्ञान के लिए चुनाव बम पढ़ना है तो वे दाम सुनकर की कुंख देंगे। यह किताब ऐसे बुद्धिविलासियों के लिए नहीं है।
हमारा मानना है कि राजनीति सेवा नहीं, धंधा है। जैसे आलू-प्याज की मंडी होती है, वैसे ही राजनीति सत्ताभोगियों की मंडी है। हर आदमी यहां सरकारी संसाधनों को लूटने के लिए आता है। वेतन और पेंशन उसका छोटा हिस्सा है। इसके बावजूद समाज के प्रति, सामाजिकता के प्रति और सरोकार के प्रति प्रतिबद्धता राजनीतिक जमात में ही है। पोलिटिकल आदमी कितना भी भ्रष्ट होगा तो सरकारी कार्यालयों के बाबू और साहेब की तरह निर्लज्ज और निर्मम नहीं होगा। यही राजनीतिक जमात की ताकत है। वास्तविकता यह है कि एक राजनीति कार्यकर्ता या नेता को जितना व्यय सार्वजनिक सरोकार के लिए करना पड़ता है, वह सत्तागत लूट के बिना संभव नहीं है।
हम चुनाव बम की बात कर रहे थे। राजनीति की जाति पार्ट -2 राजनीतिक निरंतरता की एक कड़ी है। पिछले विधान सभा चुनाव में भी हमने पुस्तक प्रकाशित की थी राजनीति की जाति। काफी संख्या में बिकी थी। लोगों ने काफी पंसद किया था। उसमें भी उस समय के हिसाब से विधान सभावार जातियों का डाटा समाहित था। लेकिन नयी पुस्तक उसकी तुलना में कई गुना ज्यादा उपयोगी और डाटा से भरा पड़ा है। उस किताब की बिक्री में हमने कई अच्छे-बुरे अनुभव झेले। इससे जुड़ी हमने अपनी मूर्खता की कई कहानी उस समय लिखी थी। इसके बावजूद हमारे पाठक हमारे साथ खड़े रहे। हमारे तथ्यों के साथ खड़े रहे।
हम बराबर कहते हैं कि हम पक्षपातपूर्ण पत्रकारिता करते हैं। हमारी खबरों में, हमारी लेखनी में हमारा पक्ष होता है, तो वह निष्पक्ष नहीं हो सकता है। यह पाठक की इच्छा पर निर्भर करता है कि कोई खबर या तथ्य उनके अनुकूल लगता है या प्रतिकूल। यह हम कैसे तय कर सकते हैं।
अंत में, चुनाव बम के ग्राहकों से आग्रह करेंगे कि पुस्तक की अग्रिम भुगतान पर इसकी कॉपी आप पटना में प्राप्त कर सकते हैं। नकद भी खरीद सकते हैं। हमारा कार्यालय विधान सभा इलाके में ही है। वहां से भी प्राप्त कर सकते हैं। वैसे हमारा कार्यालय आमतौर पर हमारे बैग में और मोटरसाईकिल पर ही रहता है। इसलिए अग्रिम भुगतान के बाद आप संपर्क कर लें तो पुस्तक प्राप्त करना आसान होगा। धन्यवाद।