श्री पाण्डेय ने कहा कि भारत दुनिया की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के साथ ही गरीबी पर नियंत्रण करने वाला सबसे सफल देश बन कर उभरा है। भारत की इस उपलब्धि से दुनिया के कई विकसित देश चकित है। आरबीआई के पूर्व गवर्नर सी. रंगराजन की अध्यक्षता वाली समिति की नई रिपोर्ट के अनुसार देश की गरीबी दर 2011-12 में 29.5ः थी, जो 2023-24 में घटकर 4.9 प्रतिषत हो गई है। गिरावट की यह दर पिछले 12 साल की अवधि में 2.02ः प्रति वर्ष रही है। उन्होंने कहा कि ताजा आंकड़ों में 2011-12 से 2022-23 के बीच बिहार में गरीबों का प्रतिशत 69.6 प्रतिशत से घटकर महज 23.3 प्रतिशत रह गया है, यानी पहले दो तिहाई से ज्यादा जनता गरीब थी, अब एक चौथाई से भी कम है।
श्री पाण्डेय ने कहा कि समानता संबंधी संक्षिप्त रिपोर्ट के अनुसार बहुआयामी गरीबी सूचकांक के सभी संकेतकों मसलन पोषण, बाल और किशोर मृत्यु दर, मातृत्व स्वास्थ्य, स्कूली शिक्षा के वर्ष, स्कूल में उपस्थिति, खाना पकाने का ईंधन, स्वच्छता, पीने का पानी, बिजली, आवास, संपत्ति और बैंक खाते आदि में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि 70 के दशक में गरीबी उन्मूलन का नारा दे कर सत्ता में आई कांग्रेस और गरीबी को मुद्दा बनाने वाली अन्य विपक्षी पार्टियों की आज की नकारात्मक राजनीति के बावजूद भारत की यह उपलब्धि एनडीए सरकार के भ्रष्टाचारमुक्त सुशासन और विकास के दावे को पुख्ता करती है।