पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव के जन्मदिन पर आज यानी 11 जून को समर्थकों का मजमा लगा रहा। 10 सर्कुलर रोड के बाहर सुबह से देर शाम तक आशीर्वाद ग्रहण करने वालों का तांता लगा रहा। आशीर्वाद में कुछ लोग टिकट चाह रहे थे तो कुछ लोग टिकट की गारंटी। हम ही शाम करीब सवा पांच बजे पहुंचे और मजमा का हिस्सा बन गये। इसी दौरान कुछ परिचित लोगों से मुलाकात भी हुई। थोड़ी मशक्कत के बाद 10 नंबर के अंदर पहुंचे।

भीड़ थोड़ी कम थी। लालूजी से उस समय लोगों से नहीं मिल रहे थे। हम पुराने कार्यालय में गये और वीरेंद्र यादव न्यूज के जून अंक की कॉपी मौजूद लोगों को थमा कर बाहर निकले। हमने वीरेंद्र यादव न्यूज का जून अंक लालूजी के जन्मदिन पर विशेषांक के रूप में प्रकाशित किया है। मीडिया में लालूजी को लेकर नकारात्मक खबरों को बाढ़ रहती है। उसी बाढ़ के बीच वीरेंद्र यादव न्यूज एक तटबंध के रूप में खड़ा होने का प्रयास करता है। इस अंक में हमने कई वरिष्ठ पत्रकारों के आलेख प्रकाशित किये हैं और लालूजी के कार्यों तथा योगदानों को सामाजिक न्याय के परिप्रेक्ष्य में प्रस्तुत करने का प्रयास किया है। यह अंक लालू जी को समग्रता में समझने का एक प्रयास है। इसके साथ ही यह भी बताना जरूरी है कि बिहार की सामाजिक और राजनीतिक जमीन पर लालू यादव होने का एक खास मायने है। लालू यादव ने सवर्ण और सामंती वर्चस्व को एक साथ ध्वस्त किया। सवर्णों और सामंतों के अहंकार और जातीय श्रेष्ठता बोध को लालू यादव ने अपने शासन के शुरुआती दौर में ही बुलडोजर से रौंद दिया था। इसके बाद बिहार की सामाजिक और राजनीतिक जमीन में नयी उर्वरा शक्ति आयी, उसी जमीन पर नीतीश कुमार से नित्यानंद राय तक पनपे और बढ़े हैं। आज का बिहार लालू यादव सरकार के दौर में तैयार सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक जमीन पर ही लहलहा रहा है।

10 सर्कुलर रोड में मुख्य आवास की ओर ही लालूजी का नया कार्यालय बना है। आज उसी कार्यालय में लोगों से मुलाकात कर रहे थे। दरवाजे के अंदर ही लालू जी की कुर्सी लगी हुई थी। वे दो कुर्सी के सहारे बैठे हुए थे। इस बीच अच्छी-खासी भीड़ लग गयी थी। लोग बारी-बारी से आशीर्वाद और दर्शन की अपेक्षा से आगे बढ़ रहे थे। कुछ लोग चरण में लोटने के लिए परेशान थे तो कुछ लोग सेल्फी के लिए बेताब। हमारी अलग तरह की बेसब्री थी। हमें पत्रिका की कॉपी भेंट करने के साथ एक फोटो भी अपेक्षा थी। लेकिन पीठ पर कई लोग खड़े थे। हमने अभिवादन करके के पत्रिका की कॉपी दी और कहा कि आपके जन्मदिन पर विशेषांक प्रकाशित किये हैं। इसके साथ ही सुरक्षाकर्मी ने कॉपी ली और हम बाहर आ गये।
खबर के लिए लालूजी की एक तस्वीर जरूरी थी। हम थोड़ी देर वहीं रुक गये। भीड़ थोड़ी थमी तो अवसर हाथ आया। इस बीच लालूजी के लिए चाय आयी। इसलिए थोड़ी देर के लिए मिलने का सिलसिला धीमा हुआ। हमने उसी समय आगे बढ़कर तस्वीर ली। लालूजी की चाय पी रहे थे। उसी कमरे में विधायक छोटेलाल राय और मो. नेहालउद्दीन के साथ सांसद प्रेम गुप्ता बैठे हुए थे। कैमूर के रहने वाले राजद नेता डा. सच्चिदानंद सिंह भी वहीं मौजूद थे। तस्वीर लेने के बाद तसल्ली हुई।
उधर, 10 नंबर में प्रवेश के पहले बैग बाहर ही फेंक कर आना पड़ा था। वहां बैग उतरवाया जा रहा था, लेकिन उसकी कोई जिम्मेवारी लेने वाला नहीं था। बैग की चिंता के साथ हम भी बाहर निकल गये। वहां से बैग उठाकर रोड पर आये और फटफटिया उठाकर चल दिये।