बुधवार को बिहार अभियंत्रण विश्वविद्यालय विधेयक पर मतदान के दौरान सत्ता और विपक्ष दोनों पक्षों का फ्लोर मैनेजमेंट और प्रबंधन तंत्र पूरी तरह विफल रहा था। सत्ता पक्ष के सिर्फ 110 विधायकों ने मतदान किया था, जबकि विपक्ष के सिर्फ 89 विधायक मतदान में हिस्सा ले पाये थे।
दूध का जला मट्ठा भी फूंक पर पीता है। यही हाल गुरुवार को विधान सभा में थी। दोनों पक्षों के लगभग सभी सदस्य सदन शुरू होने से लेकर समाप्त होने तक सदन या लॉबी में नजर आये। सत्ता पक्ष की लॉबी में पहली बार 4-5 महिलाएं एक जगह बैठी दिखीं। भोजनावकाश के समय में भी अन्य दिनों की तुलना में ज्यादा विधायक लॉबी में दिख रहे थे। कुछ सदस्य विस्तारित भवन में आवंटित समिति कक्ष में भी मौजूद रहे, तो कुछ कैंटिन। लेकिन भोजनावकाश के बाद बैठक फिर शुरू होने पर लगभग सभी सदस्य सदन या लॉबी में मौजूद थे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव अन्य दिनों की तुलना में आज ज्यादा देर सदन में मौजूद रहे।
इस लॉबी से उस लॉबी के बीच चक्कर और बैठकी लगाने के दौरान वाट्सएप में एक फोटो दिख गयी मंत्री अशोक चौधरी की। अशोक चौधरी पूरा भक्तिभाव में दिखे। लंबा-सा सफेद टीका ललाट पर। साथ में चार और टीकाधारी लोग मौजूद थे। लोकेशन उनके सरकारी आवास का लग रहा था। अशोक चौधरी को देखकर अचानक राजद नेता तेजप्रताप यादव की याद आ गयी। तेजप्रताप के लालट पर भी टीके का लेप लगा रहता है। इस लेप के लिए आनुष्ठानिक शब्द का इस्तेमाल भी किया जाता है। लगता है अशोक चौधरी भी अब तेज प्रताप के तरह आध्यात्मिक मार्ग की ओर बढ़ चले हैं या इसका पूर्वाभ्यास कर रहे हैं। विधानमंडल के दोनों सदनों में कई सदस्य टीकाधारी हैं। टीका को लेकर सबका अपना-अपना विश्वास है। कुछ लोगों को सत्ता का अहसास होता है तो कुछ लोगों को अध्यात्म का। सत्ता की राह पर अध्यात्म की यात्रा पहले भी कई लोग कर चुके हैं। संभव है इस सत्तायुक्त अध्यात्म की यात्रा का कारवां और लंबा हो। गौरतलब है कि तेजप्रताप विधान सभा के और अशोक चौधरी विधान परिषद के सदस्य हैं।