(27 नवंबर, 2020 को राज्यपाल के अभिभाषण पर विधायक राणा रणधीर सिंह का संबोधन-2)
अध्यक्ष महोदय, कहते हैं कि मंजिलें और लक्ष्य बड़े जिद्दी होते हैं, हासिल कहां नसीब से होते हैं, पर वहां तूफां भी हार जाते हैं, जहां कश्तियां जिद पर होती हैं। यह मुख्यमंत्री जी की जिद है, जिसने बिहार के पटना को मेट्रो रेल देने का काम किया है, गांव की 250 आबादी वाली बसावटों को भी मुख्य सड़क देने का काम किया है। यह पहली बार हुआ है बिहार में कि पथ निर्माण विभाग से ज्यादा ग्रामीण कार्य विभाग का बजट हुआ है कि गांव की 250 की बसावट वाली सड़कों को पक्की सड़क से जोड़ा जाएगा। माननीय मुख्यमंत्री जी ने यह निश्चय किया है कि हम कैसे आने वाले समय में गांव में बिजली की व्यवस्था, कचरा प्रबंधन की व्यवस्था, गांव में श्मशान घाट की व्यवस्था, हर चीज की चिन्ता की जा रही है।
अध्यक्ष महोदय, पहले यह कहावत रहती थी कि कोई सपना देखो और उसमें यकीन रखो, कोई सपना देखिये और उसमें यकीन रखिये तो वह सपना जरूर पूरा होता है। मैं माननीय सदस्यों का, जो नये सदस्य हैं, सबका अभिवादन करता हूं, लेकिन माननीय सदस्यों से जो नये हैं, उनको कहता हूं कि यह बिहार का सदन साक्षी है कि 2005 में जिस बिहार सरकार का बजट मात्रा 23 हजार करोड़ था, यह एनडीए की सरकार ने नीतीश कुमार जी और सुशील मोदी जी के नेतृत्व में इस सरकार ने इसके बजट को 2 लाख 12 हजार करोड़ करने का काम किया है और आने वाले समय में नीतीश कुमार जी, तारकिशोर प्रसाद जी और माननीया रेणु देवी जी के नेतृत्व में यह बजट का आकार और बढ़ेगा। हर हाथ को काम मिलेगा, हर खेत को सिंचाई मिलेगी। यह डॉक्यूमेंटेड है, जो भी मैं कुछ कह रहा हूं यह डॉक्यूमेंटेड है और डॉक्यूमेंट से बाहर मैं कुछ नहीं कह रहा हूं। मैं अपनी जिम्मेवारी समझता हूं और मैं जो बात कह रहा हूं पूरी जिम्मेदारी से कहता हूं क्योंकि मैं इसमें विश्वास करता हूं कि यूं ही नहीं मिलती है राही को मंजिल, एक जुनून सा दिल में जगाना होता है, पूछा जो चिड़िया से कैसे बना आशियाना, बोली भरनी पड़ती है उड़ान बार-बार, तिनका-तिनका उठाना पड़ता है। अध्यक्ष महोदय, एनडीए की सरकार ने कहां से कहां तक यात्रा शुरू की है, बिहार को पॉलिटिकल स्टेबलिटी, राजनीतिक स्थिरता देने का काम किया है एनडीए की सरकार ने नीतीश कुमार जी के नेतृत्व में। मैं नये मित्रों से और इस सदन के सामने यह बात रखना चाहता हूं कि किस तरह से 40-50 वर्षों में बिहार में कोई स्थिर सरकार नहीं रही। 1990 के पहले किसी मुख्यमंत्री का ढाई वर्षों से ज्यादा का कार्यकाल नहीं रहा है। अध्यक्ष महोदय, आप और हम सब समझ सकते हैं, जब कांग्रेस का शासन था, कांग्रेस के मित्र बैठे हैं। 1980 से 1990 तक कांग्रेस का शासन रहा है। बिहार में 10 वर्षों में 5-5 मुख्यमंत्री रहे हैं। मैं सदन के सभी गणमान्य सदस्यों से कहता हूं कि आपका कार्यकाल केवल 2 वर्षो का कर दिया जाय, ढाई वर्ष आपको मौका दिया जाय तो कौन-सी उपलब्धि, कौन-सा बड़ा काम आप करेंगे। पहली बार नीतीश कुमार जी और यह एनडीए की सरकार है, जिसने बिहार को गढ़ने काम किया है, नये बिहार के निर्माण का काम किया है, बिहार के नौजवानों को, बिहार के लोगों को बिहारी कहलाने में गर्व महसूस हुआ है। अध्यक्ष महोदय, हमारी तो संस्कृति, हमारी सभ्यता जो 5 हजार वर्ष पुरानी है, व्यक्ति को व्यक्ति से जोड़ने वाली हमारी संस्कृति है, आत्मनिर्भरता की संस्कृति रही है। हमारे गांव आत्मनिर्भर हुआ करते थे, यह हमारी 5 हजार वर्ष पुरानी संस्कृति है। इस भारत देश ने हमेशा आक्रमण झेला है, हमने कभी किसी पर आक्रमण नहीं किया, लगातार आक्रमण झेलने के बाद भी हम उठकर खड़े हुए हैं और नये सिरे से समाज निर्माण में और देश निर्माण में अपनी भूमिका निभायी है। अध्यक्ष महोदय, नये बिहार को गढ़ने में, एनडीए सरकार ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी के नेतृत्व में अहम भूमिका निभायी। अध्यक्ष महोदय, मैं मैथिलीशरण गुप्त की चंद पक्तियां पढ़कर अपनी बात समाप्त करूंगा आपकी अनुमति से। पंक्तियां इस प्रकार हैं-
किस गौरव के तुम योग्य नहीं,
कब कौन तुम्हें सुख भोग्य नहीं।
संभलो कि सुयोग न जाय चला,
कब व्यर्थ हुआ सदुपाय भला।
समझो जग को न निरा सपना,
पथ आप प्रशस्त करो अपना।
अखिलेश्वर है अवलंबन को,
नर हो, न निराश करो मन को ।
बहुत-बहुत धन्यवाद ।