(27 नवंबर, 2020 को राज्यपाल के अभिभाषण पर कांग्रेस विधायक संजय कुमार तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी का संबोधन)
अध्यक्ष महोदय, इस वाद-विवाद की चर्चा में भाग लेने के लिए समय देने पर मैं आपका आभारी हूं। महोदय, सरकार द्वारा लाये गये धन्यवाद प्रस्ताव के विरोध में बोलने के लिए आपने जो समय दिया, मैं आपका और आपके आसन का शुक्रगुजार हूं। मैं धन्यवाद देता हूं महोदय, हमारे नेता विरोधी दल एवं हमारे नेता विधायक दल ने महामहिम के अभिभाषण पर जो फोकस किया, अत्यंत महत्वपूर्ण मुद्दों पर उन लोगों ने आपका ध्यान आकृष्ट कराने का काम किया। महोदय, मैं जिस क्षेत्र से आता हूं, बक्सर ऋषियों और महर्षियों की धरती है और वह संत लक्ष्मी प्रपन्न स्वामी जीयर स्वामी जी महाराज नाथ बाबा की तपस्या स्थल है। महोदय, मैं उस जगह से आता हूं। महोदय, बक्सर एक हिस्सा पुराने शाहाबाद का है। पुराने शाहाबाद में 22 सीटें आती हैं। 22 सीटों में भोजपुर, रोहतास, कैमूर और बक्सर है। महोदय, मैं खासकर हमारा बक्सर जो धन का कटोरा है और कृषि प्रधान हमारा पूरा शाहाबाद है और उस शाहाबाद में किसानों की अनदेखी होती आ रही है। सरकार तो घोषणा करती है कि हम धन अधिप्राप्ति कर रहे हैं, लेकिन एक भी क्रय केन्द्र महोदय, यह जांच का विषय है, एक भी क्रय केन्द्र पूरे शाहाबाद में अभी तक लिवाल नहीं है। धन कटकर तैयार है और लिवाल नहीं है।
((वीरेंद्र कुमार यादव के फेसबुक वॉल पर हर दिन पढि़ये बिहार विधान सभा की बैठकों में विधायकों का संबोधन))
अध्यक्ष महोदय, मैं आसन के माध्यम से यह आग्रह करूंगा कि किसानों की रखवाली करनी होगी, अगर यह एनडीए सरकार दम भरती है कि मैं किसानों का शुभचिंतक हूं तो आज तक एक भी क्रय केन्द्र वहां पर क्यों नहीं खुला और औने-पौने दामों पर धान का लिवाल कोई नहीं है और वहां न खाद है, न बीज है और किसान धान की आशा में बैठे धान-बीज का चक्कर लगा रहा है, वह कैसे अपने खेत की बुआई करे, कैसे अपने खेत का पटवन करे और कैसे अपने धान का लिवाल खोजकर उसको बेचे। महोदय, जितने भी आपके जिला स्तर पर जितने भी कॉ-आपरेटिव बैंक हैं, उनका ऑडिट कराया जाये। मैं यह कहना चाहता हूं कि किसानों के नाम पर वहां ऑडिट हुआ लेकिन भुगतान उन लोगों ने उनके नाम पर कराने का काम किया है, किसानों को छलने का काम किया है । महोदय, वहां पैक्स नाम की कोई चीज नहीं है। मैं खासकर किसान और पर्यटन पर इसलिए बोलना चाहता हूं क्योंकि महामहिम का ध्यान पर्यटन पर नहीं है, किसानों पर नहीं है। कोरोना काल का हवाला तो उन्होंने दिया लेकिन क्वारंटाइन सेंटरों पर जो अरबों-करोड़ों का घोटाला हुआ, इस पर राज्य सरकार का कोई ध्यान नहीं है। चूंकि मैं जहां से आता हूं, वह यूपी और बिहार का सीमावर्ती जिला बक्सर है और जिस कोरोना काल में हमारे प्रवासी मजदूरों पर लाठियां चलीं, डंडे चले, उनको अपने बिहार राज्य में अंदर नहीं आने दिया गया और इस पर सरकार का ध्यान नहीं है। महोदय, महामहिम राज्यपाल महोदय ने तो अपने अभिभाषण में कोरोना काल पर सारी टिप्पणियां कर दीं कि राज्य सरकार ने कैसे कोरोना काल में अप्रवासी मजदूरों को रखने और देने का काम किया। अध्यक्ष महोदय, मैं आपको बताना चाहता हूं कि महामहिम ने जो रटा-रटाया भाषण दे दिया, आसन पर जो चला गया उसे महामहिम ने पढ़कर सुना दिया। हम माननीय विधायकों और बिहार की जनता को बताने का काम किया। महोदय, हमारे पूरे शाहबाद परिक्षेत्रा में, मैं विगत वर्षों में भी इस प्रश्न को उठाता रहा हूं कि हमारा बक्सर पर्यटन के लिए अतिमहत्वपूर्ण है और शाहाबाद को उस सर्किट में जोड़ा जाय, जो कैमूर का मुंडेश्वरी है, गुप्ता बाबा हैं। उस सर्किट से आज तक पचकोसी परिक्रमा को रामायण सर्किट से नहीं जोड़ा गया है। मैं आग्रह करता हूं और बताना चाहता हूं कि पचकोसी परिक्रमा 5 तारीख से शुरू होने वाली है और आज तक रामायण सर्किट से उसको नहीं जोड़ा गया है।