नवादा से निर्दलीय विधान पार्षद निर्वाचित हुए हैं अशोक यादव। 2010 में उन्होंने एलएलबी किया था और कानून की पढ़ाई पूरी की थी। 2011 में वे बदोखरा पंचायत से मुखिया निर्वाचित हुए थे। 2016 और 2021 में नवादा जिला परिषद सदस्य निर्वाचित हुए थे। जिला परिषद सदस्य रहते हुए उन्होंने स्थानीय निकाय के तहत एमएलसी का चुनाव लड़ा और राजद के श्रवण कुमार को पराजित किया।
—- वीरेंद्र यादव न्यूज —-
वीरेंद्र यादव न्यूज के साथ चर्चा में उन्होंने कहा कि उनके पिता कृष्णा प्रसाद 1990 में नवादा से भाजपा के टिकट पर निर्वाचित हुए थे। लेकिन भाजपा द्वारा लालू यादव के नेतृत्व वाली जनता दल सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद भाजपा में विभाजन हो गया था। भाजपा के 39 विधायकों में से 13 ने अलग गुट बनाकर लालू यादव सरकार को समर्थन दिया था। 13 सदस्यीय गुट में कृष्णा प्रसाद भी शामिल थे। अशोक यादव की मां प्रमिला देवी 1994 में जनता दल की ओर से विधान सभा कोटे से विधान परिषद के लिए निर्वाचित हुई थीं।
उन्होंने कहा कि मुखिया, जिला परिषद सदस्य और अब विधान परिषद सदस्य के रूप में जनता की सेवा का मौका मिलता रहा है। पंचायत प्रतिनिधि के रूप में लगातार जनता की समस्याओं के समाधान का प्रयास करते रहे हैं। विकास योजनाओं का लाभ आम लोगों तक पहुंचे, इसकी कोशिश करते रहे हैं। विधान परिषद के शपथ ग्रहण करने के बाद अशोक यादव ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भाजपा के नेताओं से मुलाकात की। इस संबंध में उन्होंने कहा कि भाजपा के साथ उनका पुराना रिश्ता रहा है। नीतीश कुमार पूरे बिहार के मुख्यमंत्री हैं। इसलिए विकास की अपेक्षा को लेकर उनसे मुलाकात की थी और राजद के साथ भी करीब का रिश्ता और अपनापन रहा है। विधान परिषद में आप सत्ता पक्ष के साथ बैठेंगे या विपक्ष के साथ। इस संबंध में उन्होंने कहा कि अभी कोई निर्णय नहीं लिया है। राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदल रहा है। इस संबंध में सही समय पर उचित निर्णय लेंगे।