भाजपा के सांसद और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय कथिततौर पर मुख्यमंत्री के उम्मीदवार हैं। वेटिंग सीएम का जुमला समर्थकों ने चलाया या विरोधियों ने, यह स्पष्ट नहीं है। लेकिन इसी बहाने वे खबरों में बने रहते हैं। अभी बोचहां उपचुनाव में यह भी चर्चा रही कि नित्यानंद राय को सीएम बनाने का झांसा देकर यादव वोटरों को भरमाने का प्रयास भापजा ने किया था। अब तो भाजपा वाले ही यह आरोप लगा रहे हैं कि वे यादव वोट भाजपा को नहीं दिलवा पाये।
— वीरेंद्र यादव, वरिष्ठ संसदीय पत्रकार, पटना —
बात हम वेटिंग सीएम की करें तो इसका मीडिया भोज से सीधा संबंध रहा है। मुख्यमंत्री पद की अभिलाषा रखने वाले हर व्यक्ति पत्रकारों के साथ बेहतर संबंध कायम रखना चाहते हैं। इसकी शुरुआत सुशील मोदी ने की थी। उन्होंने 2014-15 में सत्ता बदलने की सुगबुगाहट के साथ ही संक्रांत के मौके पर पत्रकारों के लिए भोज की शुरुआत की थी। यह सिलसिला अभी थमा नहीं है। सासंद बनने के बाद भी यह क्रम जारी है। 2015 में ही नंदकिशोर यादव ने भी होली के मौके पर पत्रकारों के लिए भोज का आयोजन किया था। उस समय यह भी चर्चा थी कि नंद किशोर यादव भी सीएम बन सकते हैं। लेकिन 2015 के चुनाव के बाद दोनों की उम्मीद धूल गयी। नयी सरकार बनने के बाद तेजस्वी यादव ने भी नये आवास 5 देशरत्न मार्ग में उपमुख्यमंत्री के रूप में भोज दिया था।। लेकिन यह भोज शुभ साबित नहीं हुआ और सरकार चली गयी। बाद में आवास का मामला कोर्ट तक पहुंचा और खाली भी करना पड़ा। नित्यानंद राय ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में पत्रकारों के लिए पिकनिक की शुरुआत की। वे पत्रकारों के लिए हाजीपुर के गंगा दियारे में बनाये गये अपने फार्म हाउस में रात्रि भोज का आयोजन करते हैं। संभवत: उन्होंने पहला मीडिया भोज 2017 और 2018 में किया। 2019 में चुनाव के कारण भोज आयोजित नहीं हो सका। दरअसल वे भोज का आयोजन 1 मई को करते हैं, ताकि पत्रकार आफिस की चिंता से मुक्त रहें। पिछले दो साल भोज कोरोना की भेंट चढ़ गया। तीसरी बार उन्होंने 1 मई को भोज अपने फार्म हाउस में आयोजित किया। वे भोज के बहाने सीएम बनने की उम्मीद की आंच को सुलगाए रखना चाहते हैं।
इस बीच अब भोज के साथ पत्रकार सम्मान की भी परंपरा शुरू हो गयी है। विधान सभा स्पीकर विजय कुमार सिन्हा ने 2021 से भोज के साथ सम्मान की परंपरा शुरू की। संक्रांत के मौके पर आयोजित दही-चूड़ा भोज के दौरान पत्रकारों को थैला और चादर देकर सम्मानित किया जाता है। इस साल भी भोज सह सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। राजनीतिक गलियारे में चर्चा है कि वे भी अब खुद को मुख्यमंत्री उम्मीदवार के रूप में प्रचारित कर रहे हैं। मतलब वेटिंग सीएम। विजय सिन्हा की तर्ज पर अब नित्यांनद राय भी पत्रकारों को बैग के देकर सम्मानित करने लगे हैं। लेकिन संयोग है कि मुख्यमंत्री पद के अभिलाषी जिन लोगों ने पत्रकारों के लिए भोज आयोजित किया, उनकी मंशा अधूरी रह गयी है।
nityanand hajipur bihar