बिहार विधान सभा प्रेस सलाहकार समिति में सवर्ण वर्चस्व के खिलाफ लंबे समय से लड़ाई लड़ रहे वरिष्ठ पत्रकार संजय वर्मा को प्रेस सलाहकार समिति का सदस्य नियुक्त किया गया है। विधान सभा सचिवालय ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। सामाजिक हिस्सेदारी की लड़ाई की यह पहली जीत है।
संजय वर्मा पिछड़ी जाति से आते हैं और पिछले तीन दशक से बिहार की पत्रकारिता में सक्रिय हैं। वे कई प्रमुख अखबारों में काम करने के साथ ही फिलहाल पटना से प्रकाशित मासिक पत्रिका समकालीन तापमान से जुड़े हुए हैं। संजय वर्मा इस बात को लेकर लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं कि प्रेस सलाहकार समिति वास्तविकता में सवर्ण सलाहकार समिति बन गयी है। इसके खिलाफ वे लगातार लिख भी रहे थे और सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर आवाज भी उठा रहे थे। प्रेस सलाहकार समिति में सामाजिक हिस्सेदारी के सवाल पर पिछले स्पीकर विजय कुमार सिन्हा के साथ उनका मनमुटाव बढ़ गया था। तत्कालीन स्पीकर ने पिछले साल उनका रिपोर्टिंग कार्ड भी नहीं बनाया था। सामाजिक हिस्सेदारी की मांग उठाने पर एक पत्रकार को प्रताडि़त करने का ऐसा उदाहरण बिहार में दूसरी बार सामने आया था। इसके बावजूद संजय वर्मा ने अपनी लड़ाई जारी रखी।
इसका परिणाम हुआ कि नयी सरकार और नये स्पीकर बनने के बाद प्रेस सलाहकार समिति का चेहरा बदलने की कोशिश की गयी। वर्तमान में 30 सदस्यीय प्रेस सलाहकार समिति में 6 पिछड़ी जाति के सदस्य हैं। जबकि विधान सभा में पिछड़ी जाति के विधायकों की संख्या 60 फीसदी से अधिक है। वीरेंद्र यादव न्यूज का मानना है कि प्रेस सलाहकार समिति में विधान सभा में सामाजिक हिस्सेदारी के बराबर सामाजिक प्रतिनिधित्व तय होना चाहिए।