पूर्व उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राजनीति में अपनी विश्वसनीयता खो चुके हैं। लोहिया-कर्पूरी के गैरकांग्रेसवाद के सिद्धांत को कब के तिलांजलि दे चुके नीतीश कुमार के लिए अब न्याय के साथ विकास, भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस और अपराधियों पर नकेल कसने जैसे मुद्दो से दूर हो चूके हैं।
उन्होंने कहा कि जोड़ तोड़ व वोटों के समीकरण के आधार पर राजनीति अपृश्य और अवांछित नहीं है, मगर महज कुर्सी बचाने के लिए अनैतिक, सिद्धांतविहीन गठजोड़ पतन की ओर ले जाता है। आज मुख्यमंत्री सत्ता-लोलुप, सिद्धांतविहीन एवं अवसरवादी राजनीति के पर्याय हो गए हैं।
श्री प्रसाद ने कहा कि 2013 में एनडीए से महागठबन्धन और फिर 2017 में महागठबंधन से एनडीए में तथा 2022 में एक बार फिर महागठबंधन के साथ आने के सफर में नीतीश कुमार जी अपनी कुर्सी बचाने में तो सफल रहे मगर इस बार उन्हें बार-बार अपनी नीतियों व सिद्धान्तों से समझौता करना पड़ा है।
उन्होंने कहा कि जदयू की ओर से बार-बार नीतीश कुमार को पीएम मैटेरियल बताए जाने के बावजूद विश्वसनीयता के संकट के कारण ही नीतीश कुमार आज देश और प्रदेश की राजनीति में अप्रासंगिक हो गए हैं। देश का कोई भी क्षेत्रीय गैरभाजपा दल नीतीश कुमार के नेतृत्व व साथ स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है। ऐसे में विपक्षी एकता की उनकी कवायद टांय-टांय फिस्स ही होने वाली है।