बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष श्री विजय कुमार सिन्हा ने बयान जारी कर सरकार से मांग की है कि राज्य में धान अधिप्राप्ति की तिथि 31 मार्च 2023 तक बढ़ाई जाए। सरकार ने 22-23 वर्ष के लिये 45 लाख मैट्रिक टन का धान अधिप्राप्ति का लक्ष्य रखा था। लक्ष्य के विरुद्ध 40 लाख मेट्रिक टन धान की अधिप्राप्ति की गयी लेकिन अब तिथि खत्म हो गया है। अतः लघुसिमांत किसानों के हित के लिए 5 लाख मेट्रिक टन और धान की प्राप्ति की जाए।
श्री सिन्हा ने कहा कि नालंदा जिले के दर्जनों पैक्स अध्यक्ष ने शिस्टमंडल में आकर आज उनसे मुलाकात की। इस बार नालंदा, शेखपुरा, लखीसराय, नवादा सहित राज्य के अन्य जिलों में धान की पैदावार अधिक हुई हैं।इसलिए सरकार को राज्य में धान अधिप्राप्ति का लक्ष्य बढ़ा कर 50 लाख मेट्रिक टन करनी चाहिए।
श्री सिन्हा ने कहा कि सरकार को धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बोनस देने की घोषणा करनी चाहिए जिससे राज्य के लाखों किसानों को लाभ होगा।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि अरवा चावल पर प्रतिबंध लगाने के कारण राज्य में हजारों लोग बेरोजगार हो गए हैं। मुख्यमंत्री कहते हैं कि नौकरी और रोजगार का सृजन करेंगे लेकिन यहां बना बनाया रोजगार लोगों से छीना जा रहा है।
श्री सिन्हा ने कहा कि तेजस्वी यादव का इस विषय पर चुप्पी रहस्मय है। उन्हीं के मंत्री के पास सहकारिता एवं कृषि विभाग हैं। इनको बेरोजगार एवं युवाओं के भविष्य के लिए कोई चिंता नहीं है। राज्य में अपराध के कारण निवेशक भी पलायन कर रहे हैं जिस से रोजगार सृजन घटते जा रहा है।
श्री सिन्हा ने कहा कि सरकार को अरवा चावल के मुद्दे पर अपनी नीति स्पष्ट करनी चाहिए और अरवा मिल मालिकों को मौका देना चाहिए ताकि वे अपने करोड़ों रुपए की लागत से स्थापित अरवा चावल मिल में घाटे की भरपाई कर सके।