पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि अडाणी समूह को सुप्रीम कोर्ट की विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट में सभी विदुओं पर क्लीनचिट मिलने के बाद इस मद्दे पर संसद ठप करने और प्रधानमंत्री मोदी पर अनर्गल आरोप लगाने वाले राहुल गांधी और ललन सिंह को देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए।
श्री मोदी ने कहा कि भारत में आर्थिक हड़कम्प मचाने की नीयत से जारी हिडेनबर्ग की रिपोर्ट पर आँख मूँद कर भरोसा करने वाले पूरे विपक्ष का पानी उतर गया है।
उन्होने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति ने शेयर बाजार पर नजर रखने वाली संस्था सेबी की भूमिका में भी कोई गड़बड़ी नहीं पायी।
श्री मोदी ने कहा कि सदन में जो लोग 20 से 80 हजार करोड़ तक के शेयर घोटाले का आरोप लगा रहे थे, उनकी बोलती बंद हो गई, लेकिन थेथरोलॉजी पर कोई रोक नहीं लग सकती।
उन्होंने कहा कि इससे पहले राफेल विमान सौदे में घोटाले के मनगढ़ंत आरोप लगाने और “चौकीदार चोर” कहने के कारण राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट में खड़े होकर माफी मांगनी पड़ी थी।
श्री मोदी ने कहा कि एक तरफ जदयू अध्यक्ष ललन सिंह अडाणी से द्वेष-वश अनर्गल आरोप लगाते हैं, दूसरी तरफ उनके मुख्यमंत्री अडाणी को बिहार के वारसलीगंज में सीमेंट फैक्ट्री लगाने के लिए 70 एकड़ जमीन देते हैं। यह दोहरापन कैसी राजनीति है?
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार और महागठबंधन में शामिल दल यदि अडाणी समूह पर लगाये गये आरोपों को सही मानते हैं, तो बिहार में उन्हें दी गई जमीन का आवंटन रद करायें।