पटना। पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि प्रधान मंत्री मोदी की जाति पर अमर्यादित टिप्पणी करने वाले राहुल गाँधी अब उनकी जाति को पिछड़ा वर्ग में शामिल करने के गुजरात की कांग्रेस सरकार के फैसले पर झूठा प्रचार कर रहे हैं।
श्री मोदी ने कहा कि राहुल गांधी को पता नहीं है कि 25 जुलाई 1994 को गुजरात की कांग्रेस सरकार ने मंडल आयोग की रिपोर्ट के दबाव में तेली घांची जाति और उसकी उपजातियों को पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में शामिल किया था। उस समय नरेंद्र मोदी किसी सरकारी पद पर नहीं थे।
उन्होंने कहा कि बाद में 4 अप्रैल 2000 को केंद्र सरकार ने तेली घांची जाति को ओबीसी की केंद्रीय सूची में शामिल किया। यह जाति अधिकतर राज्यों की पिछड़ा वर्ग सूची में है। बिहार की एनडीए सरकार ने तेली जाति को अतिपिछड़ा वर्ग में रखा है।
श्री मोदी ने कहा कांग्रेस का इतिहास पिछड़ा विरोधी रहा है। नेहरू से राजीव गांधी तक कांग्रेस आरक्षण विरोधी ही रही। नेहरू मानते थे कि आरक्षण देने से सरकारी सेवाओं का स्तर गिर जाएगा। यही कारण था कि केंद की कांग्रेस सरकारों ने काका कालेलकर समिति की रिपोर्ट खारिज की और मंडल आयोग की रिपोर्ट को 10 साल तक दबाये रखा।
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के पिता राजीव गांधी ने मंडल आयोग की रिपोर्ट लागू करने का विरोध संसद में खड़े होकर किया था वे आज किस मुँह से बिहार में जातीय सर्वे कराने का श्रेय ले रहे हैं और अपनी सरकार बनने पर देश में जातीय जनगणना कराने की बात कर रहे हैं?
श्री मोदी ने कहा कि पिछले साल विधान सभा के चुनावों में कांग्रेस का जातीय जनगणना का मुद्दा फेल कर गया, जबकि लोगों ने पिछड़े समाज से आने वाले प्रधानमंत्री मोदी की गारंटी पर पूरा भरोसा जताया।
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी बतायें कि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने 2015 में जो जातीय सर्वे कराया था, उसकी रिपोर्ट 8 साल से सार्वजनिक क्यों नहीं हो पाई? हिमाचल प्रदेश में एक साल से कांग्रेस की सरकार है, लेकिन वहाँ जातीय सर्वेक्षण कराने का निर्णय क्यों नहीं हुआ?
श्री सुशील मोदी कहा कि तेलंगाना में कांग्रेस ने सत्ता में आने के बाद जातीय सर्वे पर क्यों चुप्पी साध गई? इसका जवाब राहुल गांधी को देना चाहिए ।
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